धनवान से रोटी बचा सके ना देश को कैसे बचाओगे
ग़ुलाम थे पहले अंग्रेजो के फिर इनके हो जाओगे
सिर्फ़ किसान का आंदोलन ये कहकर भूल करो ना
भाई इतने क्यूं बेशर्म हो गए जीते जी तो मरो ना
तुम्हारी शाबाशी से सारा देश बेच दिया मोदी ने
और समाज में ज़हर फैलाया इस मीडिया गोदी ने
आज ना आए आंदोलन में फिर कब तुम आओगे
धनवान से रोटी बचा सके ना देश को कैसे बचाओगे
ग़ुलाम थे पहले अंग्रेजो के फिर इनके हो जाओगे
तुम कहां से लाकर खाओगे जब रोटी गई तिज़ोरी में
भूख से तड़पोगे उस दिन जब कुछ ना रहा कटोरी में
मेहनत का भाव मिलेगा सस्ता महंगा होगा खाना
फिर रोओगे पछताओगे हाथ ना कुछ भी आना
आज खड़े ना हुए अगर पूरी ज़िंदगी उठ ना पाओगे
धनवान से रोटी बचा सके ना देश को कैसे बचाओगे
ग़ुलाम थे पहले अंग्रेजो के फिर इनके हो जाओगे
राजगुरु, सुखदेव, भगतसिंह के सपने सारे टूटेंगे
पूरे देश को मिलकर ये दो पूंजीपति ही लूटेंगे
सुंदरपुरीया पागल कहता इतिहास ज़रा तुम पढ़लो
रोजी रोटी की खातिर आज ज़रा तुम लड़लो
फिर अपने अपने बच्चों से तुम कैसे आंख मिलाओगे
धनवान से रोटी बचा सके ना देश को कैसे बचाओगे
ग़ुलाम थे पहले अंग्रेजो के फिर इनके हो जाओगे
✍️पागल सुंदरपुरीया