Friday 29 May 2020

प्यार की दास्तान


उसने छोड़ा जो मुझको,  शायद कोई मेरा कसूर था ..
उसने अच्छा किया या बुरा,  वो फैसला मुझे मंजूर था ।

मुझसे भिन्न अब उसकी राहें होंगी , ये सोचकर मैं रोता नहीं था,
लौटके आएगी मेरे पास वो, मैं उसके इंतजार में सोता नहीं था,
हम दो को एक किया था जिसने, मुझे उस प्यार का गरुर था..
उसने अच्छा किया या बुरा , वो फैसला मुझे मंजूर था ।

उसके साथ बिताए हसीन लम्हे, वो गुज़रा हुआ कल हो गए,
दिल में बगीचे थे सुहाने फूलों के, वो बंजर हुआ थल हो गए,
बरसता था अक्सर बादलों की तरह, जो उसका सरुर था..
उसने अच्छा किया या बुरा , वो फैसला मुझे मंजूर था ।

याद तो मेरी भी उसे आती होगी, दिल बार बार यहीं कहता है,
फिर पूछा क्यूं नहीं उसने, "पागल" किस हालात में कहां रहता है,
कोशिश नहीं की होगी इसलिए, मेरा गांव उसके शहर से दूर था..
उसने अच्छा किया या बुरा , वो फैसला मुझे मंजूर था ।

✍️पागल

Sunday 17 May 2020

भारत की सच्चाई



मैं किसी नेता का नहीं नीति का विरोध करता हूं,
भारत को बचाने का लोगों से अनुरोध करता हूं,
हो रहा जो देश में इसे जनतंत्र नहीं, राजतंत्र कहते हैं...
खुद की अंधभक्ति को प्रधानमंत्री राष्ट्रवाद का मंत्र कहते हैं...

मां के पेट में पैदल चला मजबूर औरत का बेटा रोता है,
देश में लाखों मजदूर परिवार सड़कों पर भूखे पेट सोता है,
कोरोना से ज्यादा बीमार गरीबों की हुई जिसे अंत्र कहते हैं...
खुद की अंधभक्ति को प्रधानमंत्री राष्ट्रवाद का मंत्र कहते हैं...

सरकार से सवाल करने वालों को देशद्रोही का दर्जा मिलेगा,
किसानों को बैंक से मुक्ति नहीं इस वर्ष अधिक कर्जा मिलेगा,
डॉ आनंद तेलतुमडे को फसाया उसे बीजेपी का षडयंत्र कहते हैं...
खुद की अंधभक्ति को प्रधानमंत्री राष्ट्रवाद का मंत्र कहते हैं...

"पागल" की कलम तो पन्नों पर सच्चाई के लिए चलेगी,
झूठी सरकार के खिलाफ इंकलाब की आग तो जलेगी,
कुर्सी को बचाने वाला हिन्दू,मुस्लिम, पाकिस्तान यंत्र कहते है...
खुद की अंधभक्ति को प्रधानमंत्री राष्ट्रवाद का मंत्र कहते हैं...


✍️पागल

Friday 8 May 2020

पागल शायर की शायरी

                          (1)
तकलीफें ना आती जिन्दगी में तो फाईटर कैसे बनता,
तुम ना जाती गर छोड़कर "सुंदरपुरीया" राईटर कैसे बनता। 
                         (2)
शरारत तो आंखों से हुई थी "पागल
सजा मासूम दिल को मिल रही है ।

                          (3)
बहुत कहा था उनसे हमसे दूर रहा करो..
पागल" मुस्कुराना भूल जाता तुम्हे देखकर ।


                          (4)
पागल" गज़ब का किरदार है  तेरा.....
निकला जिस गली से जलने की बू आ गई।


                            (5)
नजदीकियां दिल से होती है "पागल"
साथ बैठने से दोस्त नहीं बना करते।


✍️पागल

Wednesday 6 May 2020

ईश्वर की प्राप्ति

                                                          
 
सम्पूर्ण ब्रह्माण्ड के मालिक ੴ का शुक्रिया करते हुए अपने गुरु ज्ञान से आशीर्वाद लेकर अपने विचारों को प्रकट करने जा रहा हूं। मेरे विचारों पर श्री गुरु नानक देव जी की जीवनी व श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी में विराजमान पैंतीस महा विद्वानों, मंसूर अल हल्लाज, रजनीश ओशो, जियोर्डानो ब्रुनो का बहुत प्रभाव है। मैं एक पागल हूं।  इन विद्वानों के समक्ष मेरी हस्ती ऐसी है जैसे सम्पूर्ण ब्रह्माण्ड के मालिक की नज़र में ज़मीन पर रेंगते छोटे कीड़े की है।

संसार के सभी लोग भगवान से मिलना चाहते हैं। चाहे वो हिन्दू, मुस्लिम, सिक्ख, ईसाई या किसी अन्य धर्म के लोग हों। मैं आस्तिक के अलावा नास्तिक (भगवान के वजूद को ना मानने वाले) सभी को अपने सिद्धांत द्वारा भगवान से मिलाने की कोशिश करूंगा। 

तुझे ढूंढता रहा दुनियां के मस्जिद मन्दिर में,
एक दिन मिला   तूं मुझको मेरे ही अन्दर में,
पता नहीं क्यूं नफ़रत करता है बंदा ही बंदों से.
ख़ुदा तो फर्क नहीं रखता आदमी और बंदर में।

1. हम किसे भगवान समझते है??
2. धर्म क्या है ??
3. भगवान कैसा है??
4. भगवान की नज़र में हम क्या है??
5. भगवान की प्राप्ति कैसे करें??
6. भगवान से क्या मांगे??
7. क्या भगवान से प्रार्थना करनी चाहिए??



👉 हम किसे भगवान समझते है??

हम जब भगवान का नाम सुनते, बोलते या पढ़ते या मूर्तियां देखकर हमारे दिमाग में एक ईश्वर की तस्वीर बन जाती है जिस धर्म से आपका रिश्ता होता है जैसे हिन्दू में शिव , गणेश, विष्णु या श्रीकृष्ण आदि अगर सिक्ख हो तो गुरु गोबिंद सिंह या श्री गुरु नानक देव जी की तस्वीर अपने आप आंखों के सामने आ जाती हैं ऐसा ही दूसरे धर्मों से संबंध रखने वाले लोगों के साथ होता है। ऐसा क्यूं होता है? क्यूंकि जन्म के बाद से ही माता-पिता द्वारा हमारे दिमाग में एक तथाकथित ईश्वर फिट कर दिया जाता है हम उस भगवान को पूजते पूजते बड़े हो जाते है उसी दौरान हम उस तथाकथित भगवान से घुटने टेककर छोटी छोटी चीजों को हाथ फैलाकर मांगते भी हैं जैसे ही समय के साथ हमारी बुद्धि विकसित होकर सच और झूठ को पहचानने के काबिल होती है हमारे अन्दर ज्ञान के प्रकाश का एहसास होने लगता है तब तक बहुत देर हो चुकी होती है क्यूंकि उस तथाकथित भगवान की हुई अंधभक्ति हमारे दिमाग पर पूरी तरह से हावी हो चुकी होती है जिसका अंधकार हमें प्रकाश की ओर जाने की कोशिश भी करने नहीं देता और हम अपने आप से सवाल करते हैं कि भगवान कौन है? खुद से ही जवाब मिल जाता है कि मेरा भगवान वहीं  है जिसकी मैं रोज पूजा करता हूं। इसी धोखे में हम अपना पूरा जीवन व्यतीत कर देते हैं।


👉धर्म क्या है??

हमें कुछ पुजारियों द्वारा वर्षों से धर्म का अर्थ- भगवान की आराधना व पूजा पाठ बताया गया है परन्तु वास्तव में धर्म का अर्थ है-आत्मा को आत्मा के रूप में उपलब्ध करना, न कि जड़ पदार्थ के रूप में। गुरु महावीर ने कहा है कि धर्म शुद्ध आत्मा में ठहरता है और शुद्ध आत्मा का दूसरा नाम है अपने स्वभाव में रमण करना और स्वयं के द्वारा स्वयं को देखना। लेकिन हम गर्व से कहते है मेरा सनातन धर्म, इस्लाम धर्म, या कोई अन्य, है पर पूरी जिन्दगी में कभी धर्म निभाया ही नहीं बल्कि अपनी दिनचर्या में कई बार झूठ बोलकर, धोखा देकर गरीब लोगों का शोषण  कर अधर्मी जरूर बने है  धर्म का प्रचार करने वाला पुजारी तथाकथित भगवान का व्यापार कर लोगों को लूटता है वो भी धर्मी नहीं है। सिक्ख धर्म के पुजारी भी आज यहीं कर रहे है जोकि श्री गुरु नानक देव जी के सिद्धांतो के अनुरूप नहीं है क्यूंकि गुरुजी ने ੴ को उच्चारण कर लोगों को सिक्ख (सीखने वाला) बनकर ब्रह्माण्ड के मालिक ੴ से सीखकर जीवन व्यतीत करने को कहा, और सिक्खों को किरत करो, वंड शको, नाम जपो, का सिद्धांत दिया जो श्री गुरु नानक देव जी ने सिद्धांत दिया हैं। वह धर्म है।, उन्होंने अपनी गुरबाणी के जरिए उस वक्त पुजारियों, साधुओं व पाखंडवाद पर तथ्यों के आधार पर तर्क भी किया श्री गुरु ग्रंथ साहिब में दर्ज  संपूर्ण गुरबाणी समय-समय के पैंतीस क्रांतिकारी विद्वानों द्वारा लिखी गई हैं। जो कि पाखंडवाद को दूर कर ब्रह्मांड के मालिक ੴ को भगवान एवं असली धर्म का मार्ग बताती हैं ।


👉भगवान कैसा है??

भगवान पूरे ब्रह्मांड का मालिक है "ੴ" इसका मतलब है एक है जो चारों तरफ एक रस फैला हुआ है, भगवान का कोई रूप नहीं है कोई आकार नहीं है, हां भगवान का रूप ब्रह्मांड के अनेक प्रकार के गुण हैं जिन्हें एक नियम बांधे रखता हैं यही ईश्वर है।  किसी भी चीज के कुछ गुण होते है जो एक नियम में रहते  हैं जैसे कि इलेक्ट्रॉन, न्यूट्रॉन  और प्रोटॉन तीन गुण नियम में आते ही एक परमाणु बनता है वैसे तो इस ब्रह्मांड में अनंत गुण है  उनमें से मेरी समझ में ब्रह्मांड के तीन गुण है, गति, अवरोधक, संतुलन जिनके आधार पर पूरा ब्रह्मांड जिसमें अनंत सूर्या अनंत ग्रह (जो पृथ्वी से कई गुना बड़े हैं) अपनी क्रिया करते हैं, अगर सरल भाषा में  उदाहरण के तौर पर एक मोटर साइकिल है जिसमें गियर से वह चलता है (गति), ब्रेक से वह रुकता है, (अवरोदक), संतुलन बनाने पर सीधी चलती है (संतुलन) यह तीन गुण अगर एक नियम में है (नियम मतलब चलाने वाला चालक) तो अपनी क्रिया करेगी अन्यथा मिट जाएगी। इसलिए भगवान का रूप अनेक गुणों को समाए हुए एक नियम है। जिसकी हमें पूजा नहीं करनी बल्कि उसे समझना है ताकि हम उसके अनुरूप अपनी जीवनशैली को और बेहतर कर सकें।


👉भगवान की नज़र में हम क्या है?

ੴ पूरे ब्रह्मांड का मालिक है हम जिस पृथ्वी पर रहते हैं जिसे हम बहुत बड़ी दुनिया समझते हैं जिसमें एक सूर्या है परंतु भगवान के ब्रह्मांड में अनंत सूर्या हैं और हमारी पृथ्वी से कई गुना बड़े अनंत ग्रह है। जिस पर लोग अपना जीवन व्यतीत करते हैं। हो सकता है उनमें से कुछ ग्रहों के लोग हमसे पीछे हों, शायद ज्यादातर ग्रह हमसे कई हजार साल आगे का जीवन व्यतीत कर रहे है, कई ग्रहों के लोग हम इंसानों से अति सुंदर हो सकते हैं  हर ग्रह की अपनी अपनी जीवनशैली है क्योंकि वहां के गुण हमारी पृथ्वी के गुणों से अलग है परंतु भगवान की नजर में पुरा ब्रह्मांड एक समान है( चाहे वह किसी भी ग्रह का कोई जीव हो या पृथ्वी पर रहने वाला कोई जीव या मनुष्य)



👉भगवान की प्राप्ति कैसे करें??

आपने यह तो समझ लिया कि भगवान का कोई रूप नहीं है ना ही उसका आकार है, और यह भी समझ लिया कि अनंत गुणों को बांध कर रखने वाला नियम है । यहीं नियम भगवान है।  अब बात आती है इससे मिले कैसे? जैसे पुरा ब्रह्मांड मैं अनंत गुण एक नियम (भगवान) में बंधे हुए हैं ठीक वैसे ही हमारे शरीर में पांच गुण एक नियम में है। हम उस नियम (भगवान) का हिस्सा है। तो अपने आप से मिलो क्यूंकि श्री गुरु नानक देव जी ੴ व श्री गुरु ग्रंथ साहिब में लिखा है "घट घट हरजू बसे" और मंसूर अल हल्लाज ने कहा था "अनल हक" (मैं सच हूं) हम सब प्राणी भगवान का हिस्सा है। इसलिए हमें भगवान को पूजना नहीं बल्कि समझना है। हमें भगवान को समझने के लिए अपने आपको समझना है कि मेरे विचारों में क्या चल रहा है? क्या सही है? क्या गलत है? क्या कर रहा हूं? क्या करना चाहिए? जिस दिन आपने खुद को समझा तो आपको भगवान की प्राप्ति हो गई ।


👉भगवान से क्या मांगे??

भगवान से मांगने कि जरूरत नहीं है क्यूंकि वह आपको हर वक्त ऊर्जा, जल, वायु (आक्सीजन) अन्य बहुत कुछ दे रहा है जो आपके लिए सबसे महत्वपूर्ण है उसके बिना आप मिट्टी हो। भगवान हमें हर समय दे रहा है दिन हो या रात,हम सो रहे होते हैं फिर भी वो दे रहा होता है इसलिए भगवान से मांगने की जरूरत नहीं है वह बिना मांगे दे रहा है बल्कि देने की जरूरत है जो हम उसे यानि कुदरत को नहीं दे रहे है।


👉क्या भगवान से प्रार्थना करनी चाहिए??

दुख - सुख, ख़ुशी - गमी, वैसे ही है जैसे दिन - रात चलते है दुःख या गमी में उदास नहीं होना चाहिए यह रात की तरह होती है अगली सुबह उजाले कि किरण सुखी और खुशी लेकर आपके पास आ जाएगी। हां भगवान से प्रार्थना करनी चाहिए परन्तु प्रार्थना में कुछ मांगने की बजाए ( क्योंकि वह बिना मांगे बहुत कुछ तुम्हें दे रहा है) भगवान का धन्यवाद करना चाहिए कि हे ईश्वर (ब्रह्मांड के मालिक) तेरा बारम्बार शुक्रिया करता हूं कि मुझे अपनी कृपा करके मुझ मिट्टी को गुणों द्वारा जीवन देकर अपना हिस्सा बनाया। और किसी कार्य के लिए भगवान से प्रार्थना करें तो अपने आप को यह कहें कि तुम भगवान का हिस्सा हो इसलिए यह कार्य तुम्हे ही करना है।

चारों तरफ है भगवान,
सभी प्राणी एक समान,
पागल ये छोटी सी पृथ्वी.
इससे बड़े हैं कई जहान।
✍️पागल सुन्दरपुरीया(कुलजीत सिहं)
7023957006



Tuesday 5 May 2020

ਸੱਭੇ ਏਕ ਹੈ

ਸਾਧੂ, ਠੱਗ, ਨਾਸਤਿਕ  ਸੱਭੇ  ਏਕ ਹੀ ਜਾਣ
ਪੁੰਨੀ, ਪਾਪੀ,ਰਾਜੇ, ਨੰਗ ਸੱਭੇ ਏਕ ਹੀ ਮਾਣ
ਕੀੜਾ, ਪਸ਼ੂ, ਪੰਛੀ, ਮਨੂ ਸੱਭੇ ਏਕ ਹੀ ਸਮਾਨ
ਪਾਗਲ" ਹੈ ਪਾਗਲ ਸੱਭੇ ਹਰਿ ਏਕ ਹੀ ਬੁਧੀਮਾਨ


✍️ਪਾਗਲ

ਚਾਹਤ --- ਗੀਤ

ਤੂੰ ਸੋਚ ਵੀ ਨਹੀਂ ਸਕਦੀ ਤੈਨੂੰ ਕਿੰਨਾ ਚਾਹਵਾਂਗਾ
ਜਿੱਸ ਰਸਤੇ ਚਲੇਂਗੀ ਪੈਰੀ ਤਲੀਆਂ ਵਿਛਾਵਾਂਗਾ
ਤੂੰ ਸੋਚ ਵੀ ਨਹੀਂ ਸਕਦੀ ਤੈਨੂੰ ਕਿੰਨਾ ਚਾਹਵਾਂਗਾ

ਖੁਸ਼ ਰਖੁਗਾਂ ਹਰ ਪੱਲ ਕਦੇ ਰੋਣ ਨਹੀਂ ਦੇਣਾ
ਪਿਆਰ ਅੈਨਾ ਕਰੁਗਾਂ ਗੁੱਸੇ ਹੋਣ ਨਹੀਂ ਦੇਣਾ
ਤੇਰੇ ਦਿਲ ਦੀਆਂ ਰੀਝਾਂ ਨੂੰ ਪਹਿਲੇ ਬੋਲ ਪੂਗਾਵਾਂਗਾ
ਤੂੰ ਸੋਚ ਵੀ ਨਹੀਂ ਸਕਦੀ ਤੈਨੂੰ ਕਿੰਨਾ ਚਾਹਵਾਂਗਾ

ਤੈਨੂੰ ਦਿਲ ਦੀ ਬਣਾਕੇ ਰੱਖੁ ਰਾਣੀ ਸੋਹਣੀੲੇ
ਇਤਿਹਾਸ ਤੇਰੀ ਮੇਰੀ ਬਣੁਗੀ ਕਹਾਣੀ ਸੋਹਣੀੲੇ
ਤੇਰੇ ਹੁਸਨ ਏ ਸ਼ਬਾਬ ਤੇ ਸ਼ਾਇਰੀ ਬਣਾਵਾਂਗਾ
ਤੂੰ ਸੋਚ ਵੀ ਨਹੀਂ ਸਕਦੀ ਤੈਨੂੰ ਕਿੰਨਾ ਚਾਹਵਾਂਗਾ

ਯਾਰ ਸੱਚਾ ਹੈ ਜਾਂ ਝੂਠਾ ਅਜਮਾਕੇ ਤਾਂ ਵੇਖ ਨੀ
ਸੂੰਦਰਪੁਰੀਏ ਦੇ ਪਿਆਰ ਪੱਲੇ ਪਾਕੇ ਤਾਂ ਵੇਖ ਨੀ
ਜੇ ਮੌਤ ਤੈਨੂੰ ਲੈਣ ਆਉ ਓਦੇ ਨਾਲ ਮੈਂ ਜਾਵਾਂਗਾ
ਤੂੰ ਸੋਚ ਵੀ ਨਹੀਂ ਸਕਦੀ ਤੈਨੂੰ ਕਿੰਨਾ ਚਾਹਵਾਂਗਾ

ਜਿੱਸ ਰਸਤੇ ਚਲੇਂਗੀ ਪੈਰੀ ਤਲੀਆਂ ਵਿਛਾਵਾਂਗਾ
ਤੂੰ ਸੋਚ ਵੀ ਨਹੀਂ ਸਕਦੀ ਤੈਨੂੰ ਕਿੰਨਾ ਚਾਹਵਾਂਗਾ

✍ ਪਾਗਲ

ਗੋਲੀ

ਗੋਲੀ ਪਿੱਤਲ ਦੀ ਵੱਜੇ ਤਾਂ ਬੰਦਾ ਮਰ ਜਾਵੇ.
ਕਰੇ ਇਲਾਜ ਡਾਕਟਰ ਦੀ ਦਵਾਈ ਗੋਲੀ,
ਗੋਲੀ ਖੋਏ ਦੀ ਮਿਲੇ ਨਾ ਪਿੰਡ ਹੱਟੀਆਂ ਤੇ.
ਚਿੱਟੀ ਟਰਮਾਂਡੋਲ ਜਦੋਂ ਦੀ ਆਈ ਗੋਲੀ,
ਪੰਜਾਂ ਪੰਜਾਂ ਨਾਲ ਚੱਲੇ ਚੈਟ ਵੱਟਸਐਪ ਤੇ.
ਜਾਂਦੇ ਆਸ਼ਿਕ ਮਾਸ਼ੂਕਾਂ ਨੂੰ ਚੁਸਾਈ ਗੋਲੀ,
ਬਹਾਨੇ ਪੜਨ ਦੇ ਸ਼ਹਿਰ ਨੂੰ ਜਾਵੇ ਤੜਕੇ.
ਜਾਂਦਾ  ਪੁੱਤ ਵੀ  ਬਾਪ  ਨੂੰ ਪਾਈ  ਗੋਲੀ,
ਕਰਜਾ ਲਹਿੰਦਾ ਨਹੀਂ ਸਿਰੋਂ ਸਾਰੀ ਜਿੰਦਗੀ.
ਆਖਿਰ ਨੂੰ ਜੱਟ ਨੇ ਸਲਫ਼ਾਸ ਖਾਈ ਗੋਲੀ,
ਰਹਿੰਦੀ  ਦੁਨੀਆਂ ਤੱਕ ਨਹੀਂ  ਭੁੱਲ ਹੋਣੀ.
ਉੱਦਮ ਸਿੰਘ ਨੇ ਐਡਵੈਰ ਤੇ ਚਲਾਈ ਗੋਲੀ,
ਸੁੰਦਰਪੁਰੇ ਦੀਆਂ ਗਲੀਆਂ ਚ ਪਾਗਲ ਨੇ.
ਕੱਚ  ਵਾਲੀ ਯਾਰਾਂ ਨਾਲ਼  ਖੜਕਾਈ ਗੋਲੀ। 

✍️ਪਾਗਲ ਸੁੰਦਰਪੁਰੀਆ

ਦਾਰੂ

ਪਾਗਲ ਨੇ ਸ਼ਰੇਆਮ ਪੀਤੀ ਬਹਿਕੇ ਠੇਕੇ ਤੇ ਖੋਲ ਗਈ ਸੰਗ ਦਾਰੂ
ਪੀਣੀ ਮਾੜੀ ਨਹੀਂ ਲੋਕ ਵੀ ਪੀਂਦੇ ਨੇ ਜੇ ਹੋਵੇ ਪੀਣ ਦਾ ਢੰਗ ਦਾਰੂ
ਦਵਾਈ ਵਾਂਗੂੰ ਪੀ ਲਈਏ ਤਾਂ ਹਟਾ ਦੇਵੇ ਲੱਗੀ ਹੋਈ ਖੰਗ ਦਾਰੂ
ਪੀਕੇ ਦੋ ਪੈੱਗ ਨਾ ਚੁੱਪ ਕਰਦਾ ਗੂੰਗੇ ਬੰਦੇ ਦਾ ਖੋਲਦੀ ਸੰਘ ਦਾਰੂ
ਬਾਹਰੋਂ ਰੱਜ ਕੇ ਘਰੇ ਪਾਵੇਂ ਰੌਲਾ ਵਉੱਟੀ ਨਾਲ ਲਵਾਵੇ ਜੰਗ ਦਾਰੂ
ਹਿਸਾਬ ਨਾਲ ਪੀਏ ਤਾਂ ਠੀਕ ਏ ਬੇਹਿਸਾਬ ਕਰਦੀ ਏ ਤੰਗ ਦਾਰੂ
ਔਕਾਤ ਨਾਲੋਂ ਮਹਿੰਗੇ ਜੇ ਬ੍ਰਾਂਡ ਪੀਵੇਂ ਕਰ ਦਿੰਦੀ ਏ ਛੇਤੀ ਨੰਗ ਦਾਰੂ
ਕਈ ਪੀਂਦੇ ਨੇ ਆਪਣੇ ਪੈਸਿਆਂ ਦੀ ਕਈ ਪੀਂਦੇ ਨੇ ਮੰਗ ਦਾਰੂ
ਜਿਹਨੂੰ ਪਚਦੀ ਨਹੀਂ ਪੀਲੇ ਵੱਧ ਪਵਾਵੇ ਮਹਫ਼ਿਲ ਚ ਭੰਗ ਦਾਰੂ
ਸੁੰਦਰਪੁਰੀਏ ਨੇ ਜਦੋਂ ਵੀ ਪੀਤੀ ਬੰਨ ਦੇਵੇ ਜਿੰਦਗੀ ਚ ਰੰਗ ਦਾਰੂ


✍️ਪਾਗਲ

ਪਿਆਰ ਚ ਪਾਗਲ -- ਗੀਤ

ਪਿਆਰ ਚ ਪਾਗਲ ਕਰਕੇ ਦੱਸ ਕਿਓਂ ਰੋਲ ਗਈ.
ਜੀਣ ਮਰਨ ਦੀਆਂ ਕਸਮਾਂ ਦੱਸ ਕਿਓਂ ਤੋੜ ਗਈ.

ਦਿੱਲ  ਤੇਰਾ ਸੀ ਕਾਲਾ ਰੰਗ ਦੀਏ ਚਿੱਟੀਏ ਨੀ,
ਸੱਪਣੀ ਬਣਕੇ ਡੱਸ ਗਈ ਮੂੰਹ ਦੀਏ ਮਿੱਠੀਏ ਨੀ,
ਜ਼ਹਿਰ ਜੁਦਾਈਆਂ ਵਾਲਾ ਦੱਸ ਕਿਓਂ ਘੋਲ ਗਈ..
ਪਿਆਰ ਚ ਪਾਗਲ ਕਰਕੇ ਦੱਸ ਕਿਓਂ ਰੋਲ ਗਈ..

ਫ਼ਿਲਮਾਂ ਵੇਖਣ ਨਾਲ ਮੇਰੇ ਤੂੰ PVR ਵਿੱਚ ਜਾਂਦੀ ਸੀ
ਸੀ ਚੰਗਾ ਓਦੋਂ ਲੱਗਦਾ ਹਾਂ ਜੇਬ ਚ ਮੇਰੇ ਗਾਂਧੀ ਸੀ
ਹਾਂ ਹੁਣ  ਤੂੰ ਮੈਂਨੂੰ ਕਹਿਕੇ ਦੱਸ ਕਿਓਂ Lol ਗਈ...
ਪਿਆਰ ਚ ਪਾਗਲ ਕਰਕੇ ਦੱਸ ਕਿਓਂ ਰੋਲ ਗਈ..

ਜਾਣ ਬਰੋਬਰ ਰੱਖਿਆ ਤੇਰਾ ਇੱਕ ਇੱਕ ਨੱਖਰਾ ਸੀ
ਸਮਝ ਗਿਆ ਮੈਂ ਅੜੀਏ ਤੇਰੀ ਬਲੀ ਦਾ ਬੱਕਰਾ ਸੀ
ਆਪਣੇ  ਮੂੰਹੋ ਏ ਪੋਲਾਂ ਦੱਸ ਕਿਓਂ ਖੋਲ ਗਈ..
ਪਿਆਰ ਚ ਪਾਗਲ ਕਰਕੇ ਦੱਸ ਕਿਓਂ ਰੋਲ ਗਈ..

ਅਕਸਰ ਕੰਡੇ ਓਹਲੇ ਹੁੰਦੇ ਸੋਹਣੇ ਫੁੱਲਾਂ ਦੇ,
ਸੁੰਦਰਪੁਰੀਆ ਕਰਦਾ ਹੁਣ ਪਛਤਾਵੇ ਭੁੱਲਾ ਦੇ,
ਮੇਰਾ ਕੀ ਤੂੰ ਲਗਦਾ ਏਂ ਜੱਦ ਬੋਲ ਗਈ..
ਪਿਆਰ ਚ ਪਾਗਲ ਕਰਕੇ ਦੱਸ ਕਿਓਂ ਰੋਲ ਗਈ..


✍️ਪਾਗਲ

ਮੇਰੇ ਵਿਚਾਰ (my thoughts) 05-05-20

                              (1)
Today no one believes me, after death all will bow down.


                               (2)
Look at my words instead of looking at me.

                                 (3)
This world can't even think where I have reached.


                                 (4)
Pride is very hungry and her favorite food is relationships.



✍️Pagal

ਟੱਪੇ ਪਾਗਲ ਦੇ

                                  (1)
ਅੱਖੀਆਂ ਅੱਖੀਆਂ... ਲੁੱਟ ਕੇ ਹੀ ਚੈਨ ਲੈ ਗਈਆਂ... ਜਿਦ੍ਹੇ ਦੀਆਂ ਮੈਂ ਤਕਿਆਂ...


                                   (2)
ਸੂਹਾ ਫ਼ੁੱਲ ਨੀ ਗੁਲਾਬਾਂ ਦਾ... ਤੱਕ ਤੇਰਾ ਰੂਪ ਗੋਰੀਏ... ਨਸ਼ਾ ਛੱਡਤਾ ਸ਼ਰਾਬਾਂ ਦਾ...

                                    (3)
ਹਾਰੇ ਵਿੱਚ ਦੁੱਧ ਕੱੜਦਾ... ਦੀਦ ਤੇਰੀ ਕਰਨੇ ਨੂੰ... ਮੁੰਡਾ ਛੱਤ ਉਤੇ ਨਿੱਤ ਚੜਦਾ...
✍️pagal

Monday 4 May 2020

ਮੇਰੇ ਵਿਚਾਰ (My thoughts) 04-05-20

                              (1)
Look at your character before you call someone bad, that you are better than him.


                              (2)
Man is proud of his progress, but in reality man is still thousands of years behind.

                              (3)
Everyone wants to achieve the goal, but hard work brings this happiness


                              
(4)
People who hate me, but they will continue to salute me after I leave.


                             (5)
The characteristic of the people here is that they do not recognize their scholars over time.

         
                              (6)
My friends were very close to me but i don't want to meet them today.


                             (7)
Confidence and knowledge are essential for success.



✍️Pagal

Sunday 3 May 2020

ਮੇਰੇ ਵਿਚਾਰ (My thoughts) 03-05-2020

                              (1)
Your good thoughts will always be beautiful, but the beauty of the body will fade with time.

                              (2)
The person who lies is deceiving himself, not anyone.

                                (3)
People who call me lazy are often found sitting on turns


✍️pagal

ਪਾਗਲ

ਪਾਗਲ ਹੋਣ ਦਾ ਇੱਕ ਵੱਖਰਾ ਮਜ਼ਾ ਹੈ,
ਨਾ ਇਨਾਮ ਮਿਲੇ ਤੇ ਨਾ ਕੋਈ ਸਜਾ ਹੈ,
ਸੁੰਦਰਪੁਰੀਆ ਸੂਝਵਾਨ ਹੋਕੇ ਵੀ ਬੇਅਕਲਾ ਸੀ..
ਪਾਗਲ ਹੋਕੇ ਸਮਝਿਆ ਸੱਭ ਓਹਦੀ ਰਜ਼ਾ ਹੈ।
 ਪਾਗਲ ਸੁੰਦਰਪੁਰੀਆ
9649617982

ਹਾਲਾਤ

ਬਹੁਤੇ ਯਾਰ ਬਣਨਗੇ ਵੇਖ ਕੇ ਜੇਬਾਂ ਭਰੀਆ ਨੂੰ..
                        ਹੋ ਗਿਆ ਨੰਗ ਤਾਂ ਨਾਲ ਕਿਸੇ ਨਾ ਖੜਨਾ ਏ,
ਰਿਸ਼ਤੇਦਾਰ ਮਨਾਉਂਦੇ ਨੱਚਕੇ ਵੇਹੜੇ ਖੁਸ਼ੀਆਂ ਨੂੰ..
                         ਪੈ ਗਿਆ ਦੁੱਖ ਤਾਂ ਬਾਰ ਕਿਸੇ ਨਾ ਚੜ੍ਹਨਾ ਏ,
ਸਾੜ ਕੇ ਚੰਮ ਵਿਛਾਕੇ ਰੋਂਦੇ ਦਰੀਆਂ ਨੂੰ..
                               ਡਿੱਗਿਆ ਠੇਡਾ ਖਾ ਕਿਸੇ ਨਾ ਫੜਨਾ ਏ,
ਸੁੰਦਰਪੁਰੀਆ" ਕੋੜੀਆਂ ਭਾਵੇਂ ਲਿੱਖਦੇ ਗੱਲਾਂ ਖਰੀਆਂ ਨੂੰ..
                             ਲਿੱਖਿਆ ਤੇਰਾ ਝੂਠ ਕਿਸੇ ਨਾ ਪੜ੍ਹਨਾ ਏ ।

ਪੁਰਾਤਨ ਮੁਟਿਆਰ ਦੀ ਸਿਫ਼ਤ

ਪੁੱਜ ਕੇ ਸੁਨੱਖੀ ਤੇ ਸੁਚੱਜੀ ਬੜੀ..
                                     ਬੇਸ਼ੱਕ ਸੀ ਅਣਪੜ੍ਹ ਰਕਾਣ ਓਹੋ,
ਧਾਰਾਂ ਕੱਢਦੀ ਸੀ ਰੋਜ਼ ਉੱਠ ਤੜਕੇ..
                                       ਨਾਲੇ ਕਰਦੀ ਸਾਫ਼ ਮਕਾਨ ਓਹੋ,
ਖੂਹ ਤੇ ਜਾਂਦੀ ਸੀ ਘੜਾ ਲੈ ਭਰਨ ਪਾਣੀ..
                        ਵੱਡੀਆਂ ਭਰਜਾਈਆਂ ਦੇ ਨਾਲ ਨਨਾਣ ਓਹੋ,
ਤੀਆਂ ਵਿਚ ਸਹੇਲੀਆਂ ਸੰਗ ਨੱਚਦੀ ਗਾਉਂਦੀ..
                              ਲੰਗਦੀ ਗਲੀ ਚੋਂ ਸੀ ਬਣ ਨਾਦਾਨ ਓਹੋ,
ਸੁੰਦਰਪੁਰੀਆ" ਗਲੀ ਚੋਂ ਲੰਘਦਾ ਸੀ ਮਾਰ ਤਾੜੀ..
                              ਭੱਜੀ ਆਉਂਦੀ ਵਿੱਚ ਬੂਹੇ ਪਛਾਣ ਓਹੋ ।

ਸਿਆਣਪ

ਹੋਵੇ ਮੁਟਿਆਰ ਧੀ ਜਿਨ੍ਹਾਂ ਦੇ..
                           ਬੂਹੇ ਅੱਗੇ ਉਹਨਾਂ ਦੇ ਖੜੀ ਦਾ ਨਹੀਂ ਹੁੰਦਾ,
ਕਸੂਰ ਆਪਣਾ ਹੋਵੇ ਤਾਂ ਮਾਫੀ ਮੰਗ ਸੱਜਣਾ..
                           ਫੂਕਰੀ ਚ ਆ ਕੇ ਐਵੇਂ ਲੜੀਦਾ ਨਹੀਂ ਹੁੰਦਾ,
ਸੁੰਦਰਪੁਰੀਏ" ਨੇ ਵੇਖਿਆਂ ਉਜਾੜਦੀਆਂ ਘਰ..
                          ਚਗਲਾਂ ਦੀ ਉਂਗਲੀ ਤੇ ਚੜੀ ਦਾ ਨੀ ਹੁੰਦਾ ।
✍️ਪਾਗਲ ਸੁੰਦਰਪੁਰੀਆ
9649617983

ਪੁਕਾਰ

ਨਾਨਕ ਆਜਾ ਫੇਰ ਦੁਬਾਰਾ ਬਾਬੇ ਲੁੱਟੀ ਜਾਂਦੇ ਆ..
ਵਹਿਮਾ ਭਰਮਾ ਦੇ ਵਿੱਚ ਲੋਕਾਂ ਨੂੰ ਸੁੱਟੀ ਜਾਂਦੇ ਆ..
ਨਾਨਕ ਆਜਾ ਫੇਰ ਦੁਬਾਰਾ ਬਾਬੇ ਲੁੱਟੀ ਜਾਂਦੇ ਆ..

ਤੇਰੀ ਬਾਣੀ ਵਿੱਚ ਕਿ ਲਿਖਿਆ ਨਾ ਗੱਲ ਸੱਚੀ ਦੱਸਦੇ,
ਤਾਹੀਓਂ ਤਾਂ ਲੋਕ ਵਿਚਾਰੇ ਇਹਨਾਂ ਦੇ ਜਾਲ ਚ ਫੱਸਦੇ,
ਗ਼ੁਲਾਮ ਬਣਾ ਕੇ ਆਪਣੇ ਦੱਮ ਘੁੱਟੀ ਜਾਂਦੇ ਆ..
ਨਾਨਕ ਆਜਾ ਫੇਰ ਦੁਬਾਰਾ ਬਾਬੇ ਲੁੱਟੀ ਜਾਂਦੇ ਆ..

ਸਿਰ ਜਾਂ ਫੇਰਕੇ ਆਖਦੇ ਦੁੱਖ ਦੂਰ ਭਜਾ ਦਿਆਂਗੇ,
ਜਿਹੜੀ ਮਗਰ ਭੂਤਨੀ ਲੱਗੀ ਦੀ ਗਤੀ ਕਰਾ ਦਿਆਂਗੇ,
ਭੋਲੇ ਭਾਲੇ ਲੋਕਾਂ ਨੂੰ ਇਹ ਮੂਰਖ ਕੁੱਟੀ ਜਾਂਦੇ ਆ..
ਨਾਨਕ ਆਜਾ ਫੇਰ ਦੁਬਾਰਾ ਬਾਬੇ ਲੁੱਟੀ ਜਾਂਦੇ ਆ..

ਸੁੰਦਰਪੁਰੀਏ" ਪਾਗਲ ਨੂੰ ਬਾਬੇ ਭਰਮਾਉਂਦ ਨੇ,
ਆਪਣੇ ਆਪ ਨੂੰ ਨਾਨਕਾ ਇਹ ਰੱਬ ਅਖਵਾਉਂਦੇ ਨੇ,
ਤੇਰੀ ਗੋਦੀ ਦੇ ਵਿੱਚ ਬਹਿਕੇ ਦਾੜੀ ਪੁੱਟੀ ਜਾਂਦੇ ਆ..
ਨਾਨਕ ਆਜਾ ਫੇਰ ਦੁਬਾਰਾ ਬਾਬੇ ਲੁੱਟੀ ਜਾਂਦੇ ਆ,

✍️ ਪਾਗਲ ਸੁੰਦਰਪੁਰੀਆ

ਸੱਚੀ ਅਰਦਾਸਿ

ਆਦਮੀ ਬਣਾਉਣ ਲਈ ਮੈਨੂੰ ਮਾਂ ਦੇ ਗਰਭ ਚ ਦਾਤਾ ਤੂੰ ਹੀ ਪਾਲਿਆ,
ਵਿਛੋੜਾ ਨਹੀਂ ਸਹਿਣ ਹੋਇਆ ਜਦੋਂ ਮੈਂ ਧਰਤੀ ਤੇ ਪਹਿਲਾ ਸਾਹ ਲਿਆ,
ਤੂੰ ਹੀ ਮੈਨੂੰ ਬੁੱਧੀ ਦਿੱਤੀ ਸੰਸਾਰ ਸਾਗਰ ਕਰਾਂ ਪਾਰ...
ਹੇ ਅਕਾਲਪੁਰਖ ਤੇਰੀ ਜੈ ਜੈ. ਜੈ ਜੈ ਕਾਰ...

ਮਾਂ-ਬਾਪ ਦਾ ਬਹਾਨਾ ਬਣ ਤੂੰ ਹੀ ਮੇਰਾ ਢਿੱਡ ਭਰਦਾ ਸੀ,
ਛੋਟੇ ਭਾਈ ਭੈਣ ਬਣ ਤੂੰ ਹੀ ਮੈਨੂੰ ਖੇਡ ਖੁਸ਼ ਕਰਦਾ ਸੀ,
ਤੂੰ ਹੀ ਮੈਨੂੰ ਬੋਲ ਦਿੱਤੇ ਤਾਂਹੀ ਕਰਾਂ ਗੱਲਾਂ ਚਾਰ...
ਹੇ ਅਕਾਲਪੁਰਖ ਤੇਰੀ ਜੈ ਜੈ. ਜੈ ਜੈ ਕਾਰ...

ਯਾਰਾਂ ਦੋਸਤਾਂ ਦਾ ਰੂਪ ਲੈਕੇ ਹਰ ਵੇਲੇ ਤੂੰ ਹੀ ਮੇਰੇ ਨਾਲ ਖੜਿਆ,
ਸਕੂਲ ਵਿੱਚ ਗੁਰ ਬਣ ਗਿਆਨ ਤੂੰ ਹੀ ਦਿੱਤਾ ਜੋ ਜੋ ਮੈਂ ਪੜ੍ਹਿਆ,
ਤੂੰ ਹੀ ਮੈਨੂੰ ਕਲਮ ਦਿੱਤੀ ਮੇਰੇ ਰਚਨਾਕਾਰ...
ਹੇ ਅਕਾਲਪੁਰਖ ਤੇਰੀ ਜੈ ਜੈ. ਜੈ ਜੈ ਕਾਰ...

ਪਤੀ ਪਤਨੀ ਦੇ ਰੂਪ ਵਿੱਚ ਪੂਰਾ ਘਰ ਤੂੰ ਸੰਭਾਲਦਾ ਏ,
ਮੈਂ ਜੋ ਕਰਮ ਕਰਾਂ ਰੋਟੀ ਲਈ ਸਭ ਤੂੰ ਹੀਂ ਸਵਾਰਦਾ ਏ,
ਤੂੰ ਹੀ ਮੇਰੇ ਡੁੱਬੇ ਹੋਏ ਬੇੜੇ ਜਾਵੇਂ ਤਾਰ...
ਹੇ ਅਕਾਲਪੁਰਖ ਤੇਰੀ ਜੈ ਜੈ. ਜੈ ਜੈ ਕਾਰ...

ਜਿਹੜੇ ਮੇਰੇ ਰਗਾਂ ਵਿੱਚ ਚਲਦੇ ਤੂੰ ਹੀ ਉਹ ਸਾਹ ਬਣ ਆਵੇ,
ਆਪਣੇ ਦੀ ਮੌਤ ਦਾ ਮਾਤਮ ਤੂੰ ਹੀ ਨਵੇਂ ਜੀਅ ਦਾ ਚਾ ਬਣ ਆਵੇ,
ਤੂੰ ਹੀ ਮੈਨੂੰ ਦੁੱਖ ਸੁੱਖ ਦੇਵੇ ਮੇਰੇ ਦੇਵਣਹਾਰ...
ਹੇ ਅਕਾਲਪੁਰਖ ਤੇਰੀ ਜੈ ਜੈ. ਜੈ ਜੈ ਕਾਰ...

ਸੁੰਦਰਪੁਰੀਏ" ਨੂੰ ਪਾਗਲ ਦਾਤਾ ਤੂੰ ਹੀ ਬਣਾਇਆ ਏ,
ਲਿਖਤਾਂ ਚ ਜੋ ਕੁਝ ਲਿਖਿਆ ਸਭ ਤੂੰ ਹੀ ਲਿਖਾਇਆ ਏ,
ਤੂੰ ਹੀ ਮੈਨੂੰ ਪਿਆਰ ਦੇਵੇ ਮੇਰੇ ਸੱਚੇ ਯਾਰ...
ਹੇ ਅਕਾਲਪੁਰਖ ਤੇਰੀ ਜੈ ਜੈ. ਜੈ ਜੈ ਕਾਰ...

ਭੁੱਲੇ ਨਾ ਭੁਲਾਈ ਮੈਨੂੰ ਤੇਰੀ ਹਰਿ ਸਾਰ...
ਹੇ ਅਕਾਲਪੁਰਖ ਤੇਰੀ ਜੈ ਜੈ. ਜੈ ਜੈ ਕਾਰ...

✍️ ਪਾਗਲ ਸੁੰਦਰਪੁਰੀਆ

ਸਤਿ ਸ੍ਰੀ ਆਕਾਲ ਪੁਰਖ਼ ਨਾਨਕ ਬ੍ਰਹਮ ਆਪਾਰ..

ਨਸ਼ਾ ਇੱਕ ਹੋਰ ਹੈ ਝੂਠ ਤੇ ਕਈ ਝੂਠੇ ਦਾਅਵਿਆਂ ਦਾ, ਮਿੱਟੀ ਤੋਂ ਮਿੱਟੀ ਬਣੇ ਕੁੱਝ ਮਿੱਟੀ ਦੀਆਂ ਬਾਵਿਆਂ ਦਾ, ਕਾਦਰ ਦੀ ਕੁਦਰਤਿ ਸੱਭ ਵੇਖਦੀ ਹੈ ਕੋ ਗ਼ਲਤ ਕੋ ਸਹੀ.. ਨਆਂ ਕ...