आज जो श्रीगंगानगर जिले के हालात है इसकी दोषी सिर्फ राज्य सरकार,मंत्री या पुलिस प्रशासन नहीं, इसका उतना ही दोष हम सब का है क्योंकि हमें पता होते हुए भी हमने इसे अनदेखा कर दिया। अनदेखा करने की भी एक वजह रही है। क्योंकि यह सब अवैध नशे पुलिस की मिलीभगत से बिकते है लेकिन अब एक नई ऊर्जा ईमानदार SP श्री योगेश यादव जी के रूप में श्रीगंगानगर को मिली है। अवैध नशा बेचने वालों के खिलाफ कार्रवाई हो रही है। हमारा फर्ज बनता है कि नशा बेचने वालों कि शिकायत SP महोदय को देनी चाहिए। हमें अब यह भी नहीं सोचना चाहिए कि ना तो मेरा भाई नाही मेरा बेटा नशा करता है मुझे इससे क्या होगा। ये मत भूलना की तू भी इसी समाज का हिस्सा है, एक पंजाबी के शायर सुरजीत पात्र का शेयर है.....
वज्जी जे तेरे कलेजे हजे शुरी नहीं .
ऐ ना समझी कि शहर दी हालत बुरी नहीं......
अगर हम आज नशे के खिलाफ लड़ेंगे तो ही हम अपने बच्चों का भविष्य सुधार पाएंगे। जो लोग नशे की दलदल में फंसे हुए हैं उन्हें भी उस दलदल से बाहर निकालना हमारा दायित्व बनता है। और हम सब के लिए यह बहुत बड़ा पुण्य होगा।
मैं श्रीगंगानगर कलेक्टर महोदय व पुलिस कप्तान साहब से अपील करता हूं कि देश के स्वतंत्रता दिवस के मौके पर ध्वजा रोहण के बाद एक संकल्प लें कि श्री गंगानगर को 26 जनवरी 2019 से पहले नशे की दलदल से बाहर निकालेंगें। और मैं उन महानुभावों को भी आग्रह करना चाहता हूं जो स्कूलों में 15 अगस्त को बच्चों को नशे की कुरिति के बारे में जागरूक कर सकते हैं। मैं आशा करता हूं कि जिले का हर नागरिक 15 अगस्त को राष्ट्रीय ध्वज के नीचे खड़ा होकर शपथ लेगा कि "मैं नशे के खिलाफ हूं" और यह नशे के खिलाफ हमारी पहली जीत होगी।
हम सब ने मिलकर ठाना है.
डूबा जो दलदल में,श्रीगंगानगर बचाना है.
नशा करने वालों को नहीं, नशे को ही मिटाना है।
जय हिंद
जय भारत
लेखक:- पागल सुन्दरपुरीया
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