Friday 15 January 2021

जुबां ऐ भारत

मैं भारत हूं, तिरंगा मेरी शान है।

मैं भारत हूं, ताकत मेरी संविधान है।।


मैं नफ़रत नहीं करता किसी से

मेरा हर वासी मेरे लिए समान है।।


तूने जिसे ठंड में सड़कों पर बिठाया

ये मेरा पेट भरने वाला भगवान है।।


इन्हीं के संस्कारों से बड़ा हुआ है वो

सीमाओं पर प्राण देने वाला जो जवान है।।


खालिस्तानी आंतकवादी मायोवादी नहीं

ये मेरे सिर का ताज़ मेरा किसान है।।


लड़ते रहो मेरे लिए भगतसिहं के सपूतो

जब तक  तुम्हारे शरीर में जान है।।


तेरी कलम को कहूं आवाज़ बने मेरी "पागल

क्योंकि ख़तरे में आज मेरा स्वाभिमान है।।


तीनों कानून रद्द करके माफ़ी मांग लो अभी

ये लोकतंत्र भारत का सख्त फ़रमान है।।


लोगों ने मतदान देकर बिठाया है उसपर

जिस कुर्सी का तुम्हे बड़ा अभिमान है।।


सुन्दरपुरे" वालो दिल्ली आकर इन्हे समझा दो

मेरे यहां तो सिर्फ़ जनता ही महान है।।

✍️पागल सुन्दरपुरीया





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